हम अपने लड़कों की परवरिश कैसे करते हैं

द जेन्डर लैब एक 4- दिवसीय इन्टरऐक्टिव ऑनलाइन कार्यशाला आयोजित कर रहे है । इस कार्यशाला का मकसद है एक ऐसी जगह निर्माण करने का जहा प्रतिभागी मर्दानगी पर अपने ज्ञान को विकसित करे , जेंडर से जुड़े अपने अनुभवों पर चिंतन करे और साथ ही बच्चों के लिए जेंडर - समावेशी और संवेदनशील कक्षाओं / अन्य स्थानों को बनाने के लिए संसाधनों को एक साथ एक जगह लाए और एक दूसरे के साथ साझा करे ।

इस वर्ष, कार्यशाला दो भाषाओं, अंग्रेजी और हिंदी में ऑनलाइन आयोजित की जाएगी। इसका उद्देश्य किशोरों के साथ काम करने वाले स्कूली शिक्षकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को शामिल करना है। इस वर्ष, कार्यशाला दो भाषाओं, अंग्रेजी और हिंदी में ऑनलाइन आयोजित की जाएगी। इसका उद्देश्य किशोरों के साथ काम करने वाले स्कूली शिक्षकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को शामिल करना है। हम अन्य क्षेत्रीय भाषाओं की कार्यशालाओं को इन-पर्सन/ऑफलाइन स्पेस में कर रहे हैं। इस पर अधिक जानकारी के लिए, कृपया अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न अनुभाग देखें। FAQs

2020 से, हमें लगभग 700 शिक्षकों के साथ काम करने का मौका मिला है जिनमें शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता और बच्चों के साथ काम करने वाले लोग शामिल हैं।

“हम अपने लड़को की परवरिश कैसे करते हैं” प्रोग्राम को द जेंडर लैब द्वारा 'रिडीफाईनिंग मस्क्युलिनीटीएस' वर्टिकल के तहत आयोजित किया जाता है।

जेंडर लैब के बारे में

जेंडर लैब एक नॉन प्रॉफिट संस्था है जो भारत में शहरी और ग्रामीण समुदायों में किशोरों और युवाओं को उनके समुदायों के भीतर जरुरी और सार्थक जुड़ाव के माध्यम से मौजूदा लिंग आख्यानों पर सवाल उठाने के लिए सशक्त बनाने की दिशा में काम करती है।

Lets Register to know more!

यह चार दिवसीय कार्यशाला आपके लिए क्यों है?

यह वर्कशॉप आपके लिए है यदि आप एक स्कूल शिक्षक हैं जो बच्चों के साथ काम करते हैं:-

  1. आप बच्चों के लिए बेहतर सहयोग प्रणाली बनने के लिए कक्षाओं या अन्य स्थानों में लागू करने के लिए जेंडर-समावेशी प्रथाओं की खोज में रुचि रखते हैं। 
  2. आप अपना खुद का शिक्षक समुदाय खोजना चाहते हैं जहां आप जेंडर के बारे में पता कर सके और अपने दृष्टिकोण साझा कर सकते हैं, एक दूसरे से और एक साथ सीख कर।
  3. आप प्रतिभागियों के समूह के साथ लगातार जुड़ने में इच्छुक हैं और कार्यशाला में सीखे हुए को अपने कार्यक्षेत्र में अपनाना चाहते है तो इसके लिए आप कार्यशाला के बाद की गतिविधियों और अभ्यास को पूरा करने के लिए साइन अप कर सकते है |

प्रतिभागियों से उम्मीदें

  1. कमिटमेंट: यह 4-दिवसीय कार्यशाला सीखने के संदर्भ में एक-दूसरे से जुड़ी और हमारे भागीदारी से यह कार्यशालाएँ प्रभावित होंगी, इसलिए बहुत जरुरी है की आप चारों दिन उपस्थित रहें| लेकिन हम आकस्मिक स्थितियों और निजी कारणों को समझते हैं, इसलिए यह मददगार होगा अगर आप पहले ही अपनी गैर-मौजूदगी के बारे मे सूचित करदे।
  2. भागीदारी: चूँकि यह एक ऑनलाइन लर्निंग जगह है, इसलिए हम आपको प्रोत्साहित करते हैं कि यदि संभव हो तो अपना कैमरा चालू रखें, अपनी जिज्ञासाएँ व्यक्त करें, सवाल पूछें और जब भी प्रतिभागियों को साझा करने का अवसर मिले तो अपने विचारों के साथ साझा करें। कार्यशाला के बाद, इच्छुक प्रतिभागी कार्यशाला के बाद की एक्शन प्रोजेक्ट में शामिल हो सकते हैं, जहां जेंडर लैब व्यक्तिगत सवालों और सिख जारी रखने में समर्थन करेगी, उसी वित्तीय वर्ष में। इस पर अधिक जानकारी कार्यशाला के दौरान प्रदान की जाएगी!

Commitment

This 3-day interactive workshop is connected and informed by each other in terms of learning, it is highly recommended you be present all three days, but we do understand emergent situations and genuine reasons, so do let us know prior if you are unable to join.

Participation

We invite people to learn, participate, and challenge their thoughts; we encourage you to bring your own essence to the space.

Respecting people

People come from different cities, states, and cultures, with diverse identities, to participate and connect. Disrespectful, violent behavior and sexual remarks won’t be tolerated.

कार्यक्रम की समय-सारणी:

तिथियां और भाषा:

2, 3, 4 और 5 अक्टूबर 2024: हिंदी भाषा

कहाँ: ज़ूम (ऑनलाइन )

पहला दिन , शाम 5.00 से 7:00 बजे तक

मर्दानगी के संदर्भ में- मौजूदा सोच और समाज संबंधी बाधाओं के भीतर जेंडर और मर्दानगी के बारे में सीखना। 

दूसरा दिन, शाम 5.00 से 7:00 बजे तक

जेंडर और यौनिकता को समझना- जेंडर से जुड़े मुख्य अवधारणाओं और शब्दावली के बारे में सीखना, और इसे पितृसत्तात्मक संदर्भ में समझना। यौनिकता का परिचयात्मक और मूलभूत स्तर पर अर्थ जानना और यौनिकता पर सकारात्मक दृष्टिकोण से बातचीत को सामान्य बनाना। 

तीसरा दिन , शाम 5.00 से 7:00 बजे तक

स्कूल के संदर्भ में -'क्या स्कूल जेंडर आधारित हैं?' और यदि ऐसा है, तो सीखना कि कैसे।

चौथा दिन : शाम 5.00 से 7:00 बजे तक

सीख को उपयोग मे लाना- टूल्स की मदद से ऐसे तरीके खोजना जिसकी मदद से कक्षाओं या अन्य स्थानों बच्चों मे जेंडर और मर्दानगी के विषय पर, ज्ञान विकसित की जा सके ।

संसाधन व्यक्ति

'हम अपने लड़को की परवरिश कैसे करते है' प्रतिभागियों के फीडबैक।

आज के दिन मेने गानों के जरिए मर्दानगी ओर राष्ट्र के रिश्ते को समझा जेसे :-भारत हमको जान से प्यारा | साथ ही कुछ सवालों के जरिए ओर सबकी शेयरिंग से समझा की केसे एक टीचर के लिए नियम व कायदे बना दिए गए है ओर इसी के साथ महत्वपूर्ण सिख यह रही की जो बच्चे अपने आपको queer या किसी अन्य पहचान को बिलोंग करते है तो उनके लिए केसे हम जगह बना सकते है की वो बी अपने आपको उस कक्षा का हिस्सा मान पाए
Participant, HWROB, Hindi
पहले दिन के प्रशिक्षण के द्वारा हमे पता चला की जेण्डर क्या है और हमारे द्वारा किस तरह से भेदभाव होता है ,जिसका हमे आभास नहीं होता है। कुछ कुछ जानकारी थी, लेकिन भोजपुरी भाषा मे जानकारी मिली यह हमारे लिए नया था।और डा0संजय एंव आशा जी द्वारा बहुत कुछ नया जानकारी मिल जो मेरे लिए काफी उपयोगी हैं।
जान्हवी दत्त, HWROB, Bhojpuri
Reading of articles and case studies and having small group discussions made me feel more interactive. There was a very good sharing of information in all small groups I was a part of. The last day where multiple resources were shared by multiple participants felt also very productive. Reading inspiring articles in large groups was very productive. I also liked how group resources were properly used on the last day.
Participant, HWROB, English
जेंडर विषयी मतभेद आहेत आणि ते बदलायला हवेत आणि त्याची सुरुवात आपण स्वतः पासून करावी.
Participant, HWROB, Marathi
I have moved from a space of superficial knowledge about gender to deeper meanings, identities and subjectivities. Setting the theory and then moving on to complicated subjects has set the stage for Self-Enquiry and Inner work. Unlearn to Unite.
Participant, HWROB, English

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

नहीं, यह कार्यशाला आपके लिए नि:शुल्क आती है। कार्यशाला की लागत रोहिणी नीलेकणि परोपकारियों द्वारा अनुदान के माध्यम से वहन की जाती है।

हाँ, वर्ष 2024-25 में, हम बाकी क्षेत्रीय भाषाओं के वर्कशॉप्स को व्यक्तिगत रूप से आयोजित कर रहे हैं, और वर्तमान में हम दो ऑनलाइन वर्कशॉप्स - अंग्रेज़ी और हिंदी - के लिए पंजीकरण स्वीकार कर रहे हैं। इस कार्यक्रम की विशिष्ट तारीखें आप शेड्यूल सेक्शन में देख सकते हैं। यदि आपकी टीम के लिए अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में व्यक्तिगत इंटरएक्टिव सत्रों की आवश्यकता हो, तो कृपया हमें nisha@thegenderlab.org पर संपर्क करें। हम खुशी से इसकी संभावनाओं पर विचार करेंगे, यदि यह हमारी क्षमताओं के भीतर हो।

आपको पंजीकरण फॉर्म को पूरा भरना होगा और वेबसाइट और फॉर्म में दी गई सभी सूचनाओं को ध्यान से पढ़े।

बिलकुल! आप इन वर्कशॉप्स के बारे में उन्हें वेबसाइट लिंक और पंजीकरण फॉर्म साझा करके बता सकते हैं, या पंजीकरण फॉर्म में उनके नाम, संपर्क विवरण, ईमेल, और पसंदीदा भाषा भर सकते हैं, या सीधे उनकी जानकारी हमें +919004061102 पर भेज सकते हैं।

4-दिवसीय कार्यशाला को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है जहाँ प्रतिभागियों को प्रश्न पूछने, साझा करने और दृष्टिकोण तलाशने का मौका मिलता है; हम आपको पूरी कार्यशाला में एक सक्रिय भागीदार बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। 

इस कार्यशाला के लिए, एक दिन के साइन-अप का विकल्प नहीं है। हम प्रतिभागियों को 4-दिवसीय कार्यशाला के सभी दिनों में भाग लेने की सलाह देते हैं क्योंकि सीखने के अनुभव आपस में जुड़े हुए हैं और एक दूसरे द्वारा सूचित हैं।

अगर आप वर्कशॉप के सभी दिनों में भाग लेंगे, तो हम आपको एक स्वीकृति पत्र प्रदान कर सकते हैं।

किसी भी सवाल या सहायता के लिए:

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